प्रेम की अन्यतम परिभाषा पिता हैं... समर्पण की अनन्य गाथा पिता हैं... प्रेम की अन्यतम परिभाषा पिता हैं... समर्पण की अनन्य गाथा पिता हैं...
इंसानियत के रास्ते पर वह सदा ही चलते रहे, जिंदगी के नेक बनने पर सदैव ही जोर दिया, जिं इंसानियत के रास्ते पर वह सदा ही चलते रहे, जिंदगी के नेक बनने पर सदैव ही जोर द...
हमारे दर्द पर उनकी आंखों में आंसू हजार, जीवन का वही तो है आधार, उनके चरणों में है सार हमारे दर्द पर उनकी आंखों में आंसू हजार, जीवन का वही तो है आधार, उनके चरणों...
है पापी तू ,कामी तू, क्रोधी तो फिर क्या, यहां तेरे जैसे ही लाखों मिलेंगे, कहां है वे, है पापी तू ,कामी तू, क्रोधी तो फिर क्या, यहां तेरे जैसे ही लाखों मिलेंगे, ...
क्योंकि पिता और पति में होता है जमीन आसमान सा अंतर। क्योंकि पिता और पति में होता है जमीन आसमान सा अंतर।
पिता है नाम समर्पण का, तारक है प्यारे बचपन का।। पिता है नाम समर्पण का, तारक है प्यारे बचपन का।।